नही चाहिए कुछ ज्यादा कभी भी मिले संंग तुम्हारा! नही चाहिए कुछ ज्यादा कभी भी मिले संंग तुम्हारा!
लिखते लिखते फ़िर कलम भी साथ निभाता है बन के अभिव्यक्ति किताब पे छप जाता है। लिखते लिखते फ़िर कलम भी साथ निभाता है बन के अभिव्यक्ति किताब पे छप जाता है।
मिटटी से सोना उगाना है काम अन्नपूर्णा की तरह नाम है उनका किसान I मिटटी से सोना उगाना है काम अन्नपूर्णा की तरह नाम है उनका किसान I
बस सब मेरी फ़ुरसत के ही मोहताज़ हैं...! बस सब मेरी फ़ुरसत के ही मोहताज़ हैं...!
इसलिए मैं किसी को कुछ खास नहीं लगती हाँ क्योंकि मैं दिन भर कुछ नहीं करती । इसलिए मैं किसी को कुछ खास नहीं लगती हाँ क्योंकि मैं दिन भर कुछ नहीं करती ।
बहुत से काम बाकी हैं,अभी तो कुछ कर दिखाना है! बहुत से काम बाकी हैं,अभी तो कुछ कर दिखाना है!